000 | 00858 a2200193 4500 | ||
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008 | 210901b2009 ||||| |||| 00| 0 eng d | ||
020 | _a9788171198108 | ||
082 |
_aH880 _bCHA |
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100 | _a | ||
110 | _aचव्हण , अर्जुन | ||
245 | _aअहुनिक हिंदी कालजयी साहित्य | ||
260 |
_a नई दिल्ली : _bराधकृष्ण प्रकाशन , _c2009. |
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300 |
_axvi , 200पु. ; _c20 से.मि. |
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650 | _aभरतेन्दु हरिस्चन्द्र और अंधेर नगरी | ||
650 | _aकालजयी कहानी उसने कहा था | ||
650 | _aकालजयी कवि निराला की दलित चेतना | ||
650 | _aआवारा मसीहा | ||
942 |
_2ddc _cBK |
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999 |
_c251713 _d251713 |